एक मुखी इंडोनेशिया रुद्राक्ष से चौदह मुखी इंडोनेशिया रुद्राक्ष और गौरीशंकर रुद्राक्ष गणेश रुद्राक्ष फ़ोटो
31 December 2015
29 December 2015
28 December 2015
गणेश रुद्राक्ष | Ganesha Rudraksha
गणेश रुद्राक्ष भगवान श्री गणेश जी का प्रतिनिधित्व करता है. इस रूद्राक्ष की आकृति भी गणेश जी के जैसी प्रतीत होती है. इस लिए इस रुद्राक्ष पर सुंड के समान एक उभार भी होता है, यह रुद्राक्ष धारण करने से समस्त विघ्नों का नाश होता है तथा धन संपत्ति की प्राप्ति होती है. गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इनके सानिध्य को पाकर व्यक्ति अपनी सभी समस्याओं से मुक्त हो जाता है और सभी प्रकार के सुखों को भोगता हुआ अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है.
बुद्धि ज्ञान को बढाने वाला यह रुद्राक्ष अच्छी कार्य क्षमता प्रदान करता है. इस रुद्राक्ष को पूजा स्थान में रखकर नियमित रुप से इसकी पूजा अर्चना करने से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं तथा अनेक मार्ग स्वत: ही खुल जाते हैं. भाग्य बढ़ाता है और सभी प्रयासों में सफलता मिलती है.
गणेश रुद्राक्ष का मंत्र | Ganesha Rudraksha Mantra
'ॐ गणेशाय नमः ',
' ॐ हुम नमः
जो व्यक्ति अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें गणेश रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए उन सभी जो एक नए उद्यम की शुरुआत कर रहे हैं वह भी इसे धारण करें तो उन्हें अपने व्यवसाय में भरपूर सफलता प्राप्त होगी.
गणेश रुद्राक्ष लाभ | Benefits of Ganesha Rudraksha
भगवान गणेश का स्वरूप यह रुद्राक्ष सभी कलेशों का शमन करने वाला होता है. इस रुद्राक्ष को देखने पर प्रतीत होता है की इस रुद्राक्ष पर भगवान गणेश की आंशिक आकृति उभरी हुई है इसकी सतह पर बनी हुई सुंडनूमा आकृति से यह रुद्राक्ष गणेश भगवान का रूप दिखता है. विशेष फलदायी यह रुद्राक्ष कई समस्याओं का समाधान स्वत: ही कर देता है. इसे गणेश चतुर्थी के दिन धारण किया जाए तो यह और भी शुभ फलदायक होता है. गणेश रुद्राक्ष धारण से यह लाभ होते हैं.
गणेश रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए इसे लाल धागे या सोने अथवा चांदी में धारण कर सकते हैं.
प्राचीन वैदिक ग्रंथों के अनुसार यह पवित्र रूद्राक्ष सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है. गणेश रूद्राक्ष पहने हुए एक व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में से सफलता प्राप्त होती है. भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है. व्यक्ति के जीवन में सभी बाधाओं को भगवान गणेश के आशीर्वाद से निवारण हो जाता है. भगवान गणेश भगवान शिव के पुत्र हैं इसलिए भगवान शिव का और देवी पार्वती (महा देवी) जी का भी आशिर्वाद प्राप्त होता है. केतु के हानिकर प्रभावों को भी भगवान का आशीर्वाद दूर कर देता है.
गणेश रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ | Health benefits of Ganesha Rudraksha
गणेश रुद्राक्ष स्मरण शक्ति व एकाग्रता बढ़ाता है, लेखन कौशल को बेहतर बनाता है, भगवान गणेश बुद्धि के देवता है इसलिए यह रुद्राक्ष भी बुद्धि को बढ़ाता है, शिक्षा और बुद्धि के कारक ग्रह बुध को अनुकूल करता है, मानसिक समस्याओं का निराकरण करता है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष | Gauri Shankar Rudraksha
गौरी शंकर रुद्राक्ष माता पार्वती एवं भगवान शिव का प्रतीक है जैसा क नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह रुद्राक्ष शिव पार्वती जी की एक अदभुत संगम का रुप है. इसे धारण करने से सभी प्रकार के दांपत्य सुखों की प्राप्ति होती है. जीवन साथी रुप में यह रुद्राक्ष पति -पत्नी के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाता है तथा उनमें एकात्म का भाव जागृत करता है. दांपत्य सुख एव्म शांति के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष को सर्वश्रेष्ट माना जाता है. यह अंतर्दृष्टि को विकसित करने के लिए उपयोगी है हमारे स्वयं की कमी को पहचानने में तथा अपनी कमियों को दूर करने में मदद करता है,
प्राकृतिक रूप से युग्म रुप में जुडा़ हुआ यह रुद्राक्ष शिव और शक्ति के मिलन रुप का यह अमूल्य रुद्राक्ष भक्ति एवं आस्था का उत्तम रुप है. इस रुद्राक्ष को उपयोग में लाने से भगवान शिव और माता पार्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. गौरी शंकर रुद्राक्ष मोक्ष प्राप्ति में भी लाभदायी है. इस रुद्राक्ष को तिजोरी में रखें किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक क्षति नहीं होगी, आप उन्नति प्राप्त कर सकेंगे. यह रुद्राक्ष पूजा घर में रखना अत्यंत उत्तम होता है.
गौरी शंकर रुद्राक्ष एक दुर्लभ रुद्राक्ष है. यह विशेष रूप से एक ओर मां गौरी का प्रतिनिधित्व करता है और अन्य भगवान शंकर का प्रतिनिधित्व करता है. यह रुद्राक्ष बनाता है परिवार में शांति और सुख के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस रुद्राक्ष का पूजन दर्द और पीड़ा और अन्य सांसारिक बाधाओं को नष्ट कर देता है. जिनके विवाह में अनावश्यक विलम्ब हो रहा हो, उन्हें इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए.
भगवान शिव और देवी के एकीकृत रूप की पहचान यह रुद्राक्ष ब्रह्मांड के विकास और विस्तार का कारण बनता है. इसलिए यह माना जाता है कि परिवार में शांति और आराम के लिए यह सबसे अच्छा है. प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख है कि यह रुद्राक्ष पुण्य (अच्छा कर्म) देय है. पुराणों में गौरी शंकर रुद्राक्ष को पारिवारिक जीवन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. यह रुद्राक्ष सात्विक प्रकृति को इंगित करता है, सर्वसिद्धिदायक तथा मोक्ष दायक माना गया है.
गौरी शंकर रुद्राक्ष का मंत्र | Gauri Shankar Rudraksha Mantra
ॐ गौरीशंकराय नमः ,
ॐ नमः शिवाय
सत्तारूढ़ भगवान देवी गौरी और भगवान शंकर हैं इस रुद्राक्ष को सोमवार के दिन प्रात:काल स्वच्छ होकर शुद्ध मन से प्रभु का स्मरण करें तत्पश्चात इस गौरी श्म्कर रुद्राक्ष को मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके सोने, चांदी या धागे में डालकर धारण करें
अपने पूजा स्थान पर गौरी शंकर को रखें व पूजन करें. दर्द और पीड़ा और अन्य सांसारिक बाधाओं को नष्ट करने में सहायक यह
गौरी शंकर रूद्राक्ष बुरे सपनों एवं बुरी ताक़तों से मुक्त करता है
गौरीशंकर रूद्राक्ष पहनने से रिश्तों में मज़बूती आती है. यह परिवार के रिश्तों को बढ़ाता है. उन सभी के लिए जो एक सुखी विवाहित जीवन और परिवार में सुख और शांति का वास चाहते हैं उन सभी के लिए यह अमूल्य रुद्राक्ष है. धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को प्रदान करता है.
स्वास्थ्य लाभ | Swasthya Labh
यौन समस्याओं को दूर करने में यह बहुत फ़ायदेमंद होता है , मानसिक शांति प्रदान करता है . तथा अन्य शारीरिक कष्टों को दूर करने में सहायक है निसंतान को सुयोग्य संतान का आशीर्वाद मिलता है. दिर्घायु प्रदान करता है.
चौदह मुखी रुद्राक्ष | Chaudah Mukhi Rudraksha
चौदह मुखी रुद्राक्ष | Chaudah Mukhi Rudraksha
चौदह मुखी रुद्राक्ष को शिव के अवतार भगवान हनुमान जी का स्वरूप माना गया है. चतुर्दशमुखी को शिखा पर धारण करने से व्यक्ति को परम पद की प्राप्ति होती है. रुद्राक्ष में भगवान हनुमान का निवास होने के कारण कोई भी बुरी बाधा, भूत, पिशाच व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुँचा पाती, व्यक्ति निर्भय होकर रहता है. चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से शक्ति सामर्थ्य एवं उत्साह का वर्धन होता है और संकट समय संरक्षण प्राप्त होता है.
चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभ | Benefits of Chaudah Mukhi Rudraksha
चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करके व्यक्ति भगवान शिव का सानिध्य प्राप्त करता है. चौदह मुखी रुद्राक्ष का धारण कर्ता सुख एवं शांति प्राप्त करता है. सन्यासी वाम मार्गी एवं शिव शक्ति के भक्त इसे धारण करते हैं. इस रुद्राक्ष को धारण करने से साधना सिद्ध होती है. चौदहमुखी रुद्राक्ष परमदिव्य ज्ञान प्रदान करने वाला होता है. इसे धारण करने से देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
14 मुखी रुद्राक्ष सुखदायक होता है. यह रुद्राक्ष चौदह विद्याओं, चौदह लोकों तथा चौदह इंद्रों का स्वरूप भी कहा गया है. शनि साढ़े साती, महादशा या शनि पीड़ा से मुक्ति हेतु इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए यह शनि तथा मंगल के अशुभ प्रभावों से मुक्ति दिलाता है. चौदह मुखी रुद्राक्ष की पूजा सुख-सौभाग्य प्रदान करने वाली है. 14 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को ऊर्जावान, निरोगी बनाता है.
चौदह मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Chaudah Mukhi Rudraksha Mantra
चौदह मुखी रुद्राक्ष के लिए “ॐ नमः शिवाय” का जाप मंत्र है इस मंत्र को जपते हुए इसे धारण करें.
स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Chaudah Mukhi Rudraksha
यह समस्त रोगों का शमन करने वाला, समस्त व्याधियां को शांत करने वाला है. इसे धारण करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है. तथा वंश रक्षक है, छटी इन्द्रिय जागृत कर होने वाली घटनाओं का बोध कराता है. दुर्घटना, चिंता से मुक्त करके सुरक्षा एवं समृद्धि प्रदान करता है. चौदह मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य में वृद्धि करता है. यह चौदह विद्या, चौदह लोकों , चौदह मनु, का रूप है. इस चमत्कारी रुद्राक्ष में अनंतगुण विधमान हैं. इसका धारणकर्ता समस्त सुखों को भोगता है. चौदह भुवनों का रक्षक एवं स्वामी बनता है, चौदहमुखी रुद्राक्ष बहु उपयोगी है.
तेरह मुखी रुद्राक्ष | Terah Mukhi Rudraksha
तेरह मुखी रुद्राक्ष समस्त कामनाओं की पूर्ति करता है तथा दांपत्य जीवन को सुखद एवं ख़ुशियों से भरपूर बनाता है. इच्छा भोगों की प्राप्ति होती है. 13 मुखी रुद्राक्ष को कामदेव का स्वरूप माना गया है. यह सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है. इसे धारण करने से कामदेव व रति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसे धारण करने से वशीकरण और आकर्षण का गुण भी मिलता है.
इसका उपयोग करने से व्यक्ति अनेक सिद्धियों का ज्ञाता होता है. धन ,रस - रसायन की सिद्धियां एवं सुख भोग प्राप्त होते हैं. इस रुद्राक्ष में कामदेव एवं रति का निवास है, इस कारण ये रुद्राक्ष धारण करने से वैवाहिक जीवन की समस्त ख़ुशियाँ प्राप्त होती हैं. साधु, तपस्वी और योगीजन तेरहमुखी रुद्राक्ष की आध्यात्मिक उपलब्धियों हेतु इसे धारण करते हैं.
तेरह मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Terah Mukhi Rudraksha
तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य राजसी मान सम्मान पाता है. तेरह मुखी रुद्राक्ष इच्छाओं और सिद्धि को देने वाला है, यह पापों से मुक्ति देता है. त्रयोदशमुखी रुद्राक्ष को विश्वेश्वर भगवान का रूप माना गया है. यह अर्थ एवं सिद्धियों को पूर्ण करता है. मान-सम्मान और कीर्ति देने वाला यह रुद्राक्ष शारीरिक सुंदरता को बढ़ाता है तथा व्यक्तित्व को आकर्षक बनाता है. स्त्री पुरूष दोनों को रुप गुण प्रदान करता है. लक्ष्मी प्राप्ति में अत्यंत उपयोगी यह रुद्राक्ष धारक को धन संपदा से युक्त कर देता है. इन्द्र का स्वरुप भी माना गया है. इस रुद्राक्ष से वशीकरण, आकर्षण, ऐश्वर्य प्राप्त होता है. उच्च पद प्राप्ति, सम्मान में वृद्धि दिलाता है.
तेरह मुखी रुद्राक्ष से स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Terah Mukhi Rudraksha
तेरह मुखी रुद्राक्ष शरीर के आंतरिक रोगों को दूर करने में सहायक होता है. ज्योतिष अनुसार यह रुद्राक्ष शुक्र ग्रह के समान होता है. यह रुद्राक्ष निसंतान को संतान प्रदान करने वाला होता है. तेरह मुखी रुद्राक्ष चर्म संबंधित रोगों को भी दूर करने में बहुत फ़ायदेमंद है.
तेरह मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Terah Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ ह्रीम नमः
इसे “ॐ ह्रीं हुम नमः का जाप करके धारण करना चाहिए.
बारह मुखी रुद्राक्ष | Barah Mukhi Rudraksha
बारह मुखी रुद्राक्ष | Barah Mukhi Rudraksha or Dwadash Mukhi Rudraksha
द्वादशमुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. इसके देवता बारह आदित्य अर्थात बारह सूर्य हैं. सूर्य स्वरूप होने के कारण यह व्यक्ति को शक्तिशाली तथा तेजस्वी बनाता है. इसे धारण करने से गो-वध, मानव हत्या जैसे माहापापों से मुक्ति प्राप्त होती है. बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य का ओज एवं तेज प्राप्त होता है, सूर्य के शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
बारह मुखी रुद्राक्ष लाभ | Benefits of Barah Mukhi Rudraksha
बारह मुखी रुद्राक्ष दरिद्रता को नष्ट करके सुख एवं संपत्ति प्रदान करता है. इसे इस्तेमाल करने से अश्वमेघ के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है. सभी प्रकार के भयानक जंगली पशुओं से रक्षा प्राप्त होती है. बारह मुखी रुद्राक्ष समस्त बाधाओं को समाप्त कर देता है. बाधाओं का शमन करने के कारण इसे आदित्य रुद्राक्ष के नाम से भी जाना जाता है. यह रुद्राक्ष सभी प्रकार की दुर्घटनाओं से बचाता है. इस रुद्राक्ष द्वारा दु:ख, निराशा , कुंठा , पीड़ा और दुर्भाग्य का नाश होता है. व्यक्ति सूर्य की भांति यशस्वी बनता है.
द्वादश मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Barah Mukhi Rudraksha
द्वादश मुखी रुद्राक्ष का उपयोग करने से हृदय रोग, फेफड़ों के रोग, त्वचा रोग तथा आंत संबंधी रोग दूर होते हैं. सभी प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों का नाश होता है. बारहमुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला निरोगी होकर स्वास्थ्य लाभ पाता है.
द्वादश मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Barah Mukhi Rudraksha Mantra
‘श्री सूर्याय नमः’ ,
‘ॐ ह्रीं सूर्याय नमः’
इस रुद्राक्ष को “ॐ क्रों क्षों रों नमः” का जाप कर के धारण करें.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष | Gyarah Mukhi Rudraksha
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूद्र के सामान माना जाता है. इसे एक मुखी रुद्राक्ष का प्रतिरूप भी कहा जाता है. यह एकादश मुखी रुद्राक्ष सुख समृद्धि दायक होता है. इसे धारण करने से सभी कार्यो में सिद्धि प्राप्ति होती है. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक प्रभाव से युक्त माना गया है. इसे ग्यारह रुद्रों एवं भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का प्रतीक भी कहते हैं.
ग्यारहमुखी रुद्राक्ष एक सौ सहस्त्र गायों के सम्यक दान के बराबर फल प्रदान करने वाला है. इस रुद्राक्ष पर इन्द्र का स्वामित्व है. अत: इसे धारण करने से प्रसन्नता, ऎश्वर्य एवं यश की प्राप्ति होती है. इसके द्वारा इन्द्रियाँ एवं मन नियंत्रित रहते हैं. यह योग साधना, यम - नियम , आसन - षटकर्म तथा अन्य यौगिक क्रियाओ में सहायक है.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Gyarah Mukhi Rudraksha
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का उपयोग एवं पूजन से एकादशी व्रत के समान फल प्राप्त होता है. इस रुद्राक्ष को शिखा में धारण करने से हजार अश्वमेध यज्ञ, वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य मिलता है. स्त्रियाँ इसे पति की लंबी उम्र एवं संतान प्राप्ति हेतु धारण कर सकती हैं. सावन में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष की पूजा अमोघ फलदायी होती है. इसे धारण करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता. एकादशमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अभाव नहीं रहता, सभी संकट व कष्ट दूर हो जाते हैं. यह रुद्राक्ष धारक को उचित निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है. बल, बुद्धि प्रदान करता है, ध्यान-साधना इत्यादि में उपयोगी है.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Gyarah Mukhi Rudraksha
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का उपयोग अस्थमा एवं सांस से संबंधित बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है. मस्तिष्क सम्बन्धी विकारों को दूर करता है. संक्रामक रोगों के नाश के लिए तथा शरीर को बलिष्ट व निरोगी बनाने में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होता है.
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Gyarah Mukhi Rudraksha Mantra
श्री नारायणाये श्री विष्णवे नमः ,
ॐ श्री रुद्राय नमः,
ॐ ह्रीम हूम नमः,
ॐ ह्रीं ह्रुं नमः
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को “ॐ ह्रीं हम नमः का जाप कर के धारण करना चाहिए.
दस मुखी रुद्राक्ष | Dus Mukhi Rudraksha
दस मुखी रुद्राक्ष | Dus Mukhi Rudraksha
दस मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. यह दसों दिशाएँ, दस दिक्पालों का प्रतीक है. इसके सत्तारुढ़ ग्रह नव-ग्रह हैं. मान्यता है कि इस रुद्राक्ष में भगवान विष्णु के दस अवतारों की शक्तियां समाई हुई हैं. इस दशममुखी रुद्राक्ष को उपयोग में लाने से व्यक्ति समाज में सम्मान और कीर्ति प्राप्त करता है. इसे धारण करने से व्यक्ति के सभी भय का नाश होता है तथा उसे सुख एवं सम्पत्ति की प्राप्ति होती है.
दस मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Dus Mukhi Rudraksha
धन, प्रतिष्ठा को देने वाला यह दशम मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति की सभी कामनाएँ पूर्ण करता है. यह विघ्न-बाधाओं को दूर करके समस्त विपत्तियों का नाश करता है. दस मुखी रुद्राक्ष तंत्र- मंत्र के बूरे प्रभावों से मुक्त करता है इसे धारण करने से धारक को दिव्य शक्तियां प्राप्त होती हैं. व्यक्ति भूत , पिशाच जैसी बूरी बाधाओं से मुक्त रहता है.
दस मुखी रूद्राक्ष के स्वामी दशावतारी विष्णु भगवान हैं सभी प्रकार के दोषों को नष्ट करने वाले हैं. इस रूद्राक्ष की पूजा करने से गृह शांति प्राप्त होती है.राजकीय कार्यो में सफलता मिलती है राजनैतिक क्षेत्र में प्रतिष्टा मिलती है.
दशममुखी रुद्राक्ष दुर्लभ किस्म का रुद्राक्ष है इसके प्रभाव की वजह से कष्ट समाप्त होते हैं किसी भी तरह का काला जादू और बुरी नज़र दूर रहती है. यह बहुत शक्तिशाली माना जाता है यह रूद्राक्ष दिशात्मक दोष को भी दूर करने में सहायक है. अदालती मामलों, मुकदमों एवं विवादों को सुलझाने में बहुत लाभदायक है.
दस मुखी रुद्राक्ष का मंत्र
इस दशम मुखी रुद्राक्ष को रविवार के दिन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करते हुए गले या बाजू में धारण करना चाहिए. ‘श्री नारायणाये श्री विष्णवे नमः’, ‘ॐ ह्रीम नमः नमः’
दस मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Dus Mukhi Rudraksha
दस मुखी को धारण करने से सर्व कार्य सिद्ध हो जाते हैं. दिमागी रोग , चिंता का नाश करता है, संतान प्राप्ति में सहायक होता है.
नौ मुखी रुद्राक्ष | Nau Mukhi Rudraksha
नौ मुखी रुद्राक्ष नवशक्ति संपन्न नवदुर्गा का प्रतिनिधि है. इसे भैरव का स्वरूप माना जाता है. यह रुद्राक्ष माँ दुर्गा के स्वामित्व में उनकी नौ शक्तियों को अपने में समाहित किए हुए है. इस रुद्राक्ष को धारण करने से शक्ति का आशीर्वाद एवं सानिध्य प्राप्त होता है. व्यक्ति में सहनशीलता, वीरता, साहस तथा शक्ति की वृद्धि होती है. नौ मुखी रुद्राक्ष को नवग्रहों तथा नवनाथों एवं नवधा भक्ति से परिपूर्ण माना गया है. नौ मुखी रुद्राक्ष शक्ति व भैरव का स्वरूप माना गया है इस कारण अनेक प्रकार की साधनाओं में सफलता के लिए इसे उत्तम माना जाता है. इसका उपयोग करने से सहनशीलता एवं साहस में वृद्धि होती है.
नौ मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Nau Mukhi Rudraksha
नौ मुखी रुद्राक्ष अदभुत शक्तियाँ तथा सुख-शांति प्रदान करने वाला होता है. इसे उपयोग में लाने से व्यापार एवं व्यवसाय में वृद्धि होती है तथा शत्रुओं का नाश होता है. इसे पहनने से अकाल-मृत्यु का भय भी समाप्त होता है. नौ मुखी रुद्राक्ष का सत्तारुढ़ ग्रह केतु है अत: यह केतु के बुरे प्रभावों से मुक्त करता है. इसे उपयोग में लाने से व्यक्ति के भीतर शक्ति का संचार होता है, कर्मठता तथा आत्मविश्वास में इज़ाफा होता है. मन से किसी भी प्रकार के भर को दूर करता है तथा सभी प्रकार की चिंताओं से मुक्ति दिलाता है.
नौ मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ | Health benefits of Nau Mukhi Rudraksha
नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से या उपयोग में लाने से फेफड़ों से संबंधित समस्याओं, आंखों में दर्द, त्वचा रोग, शरीर में दर्द इत्यादि से मुक्ति दिलाता है.
नौ मुखी रुद्राक्ष का मंत्र | Nau Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ ह्रीम हूम नमः
नवममुखी रूद्राक्ष की मां दुर्गा स्वामिनी है. भैरव स्वरूप इस रूद्राक्ष का संचालक ग्रह केतु है. इसे "ॐ दुं दुर्गाय नम:" मंत्र का जप करते हुए धारण कर सकते हैं.
अष्टमुखी रुद्राक्ष | Aath Mukhi Rudraksha
अष्टमुखी रुद्राक्ष | Aath Mukhi Rudraksha
आठ मुखी रुद्राक्ष अष्टदेवियों का प्रतिनिधि है तथा भगवान गणेश का रूप है. आठ मुखी रुद्राक्ष ज्ञान, विद्या को प्रदान करने वाला होता है. इसे धारण करने से व्यक्ति में इन्द्रीयों को नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त होती है तथा भूत,प्रेत जैसी बाधाओं का भय समाप्त होता है. आठ मुखी को धारण करने से द्वेष, ईर्ष्या जैसे भाव दूर होते हैं. मन में आस्था तथा सात्विक विचारों का प्रवाह होता है.
इसे पहनने से मन एकाग्र रहता है भटकाव से मुक्ति मिलती है. मुकदमे में विजय प्राप्त होती है. दुर्घटना एवं शत्रुओं से रक्षा होती है. अष्ट मुखी रुद्राक्ष को विनायक अर्थात विध्नहर्ता माना जाता है. यह व्यापार में सफलता सट्टे, जुए तथा आकस्मिक धनप्राप्ति में सहायक होता है. इसे धारण करने वाले व्यक्ति पर किसी भी प्रकार के तांत्रिक क्रियाओं का असर नहीं होता है.
आठ मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Aath Mukhi Rudraksha
अष्ट मुखी रुद्राक्ष मुक्ति प्राप्त करने तथा कुंडलिनी जागरण में सहायक होता है. आठ मुखी रुद्राक्ष को भैरव नाथ का रूप भी कहा जाता है. असाध्य रोगों से मुक्ति तथा मान सम्मान में वृद्धि करता है. राहु के बुरे प्रभावों से मुक्ति हेतु इसे धारण कर सकते हैं
औषधीय उपयोग | Health Benefits of Aath Mukhi Rudraksha
फेफड़ों की बीमारी, पैर का दर्द, चर्मरोग, मोतियाबिंद, श्वास रोग इत्यादि में नियंत्रण करता है. प्रोस्ट्रेट एवं पिताश्य के इलाज में उपयोगी होता है.
अष्टमुखी रुद्राक्ष मंत्र | Aath Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ गणेशाय नमः , ॐ हूं नमः
"ॐ गं गणपतये नम:" मंत्र का जप करते हुए धारण करना चाहिए.
सात मुखी रुद्राक्ष | Saat Mukhi Rudraksha
सात मुखी रुद्राक्ष | Saat Mukhi Rudraksha
सात मुखी या कहें सप्तमुखी रुद्राक्ष सात माताओं तथा सप्तऋषियों का प्रतिनिधित्व करता है. यह अत्यंत उपयोगी तथा लाभप्रद रुद्राक्ष है इसके उपयोग से धन-संपत्ति, कीर्ति और विजय प्राप्त होती है. सात मुखी रूद्राक्ष महालक्ष्मी का स्वरूप माना गया है यह शनि द्वारा संचालित होता है. आर्थिक, शारीरिक और मानसिक विपत्तियों से ग्रस्त लोगों के लिए यह कल्पतरू के समान है.
किसी भी तरह की विषाक्तता से ग्रस्त व्यक्ति यदि इसे धारण करे तो वह इस कष्ट से मुक्ति अवश्य प्राप्त करता है. इसे धारण करने से कार्य, व्यापार आदि में बढ़ोतरी होती है. ज्योतिष अनुसार मारक ग्रह की दशा होने पर इसे धारण कर सकते है यह रक्षा कवच का कार्य करता है और व्यक्ति अकाल मृत्यु के भय से भी मुक्त हो जाता है.
सप्त मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Saat Mukhi Rudraksha
सप्त मुखी रुद्राक्ष आकार में गोल होता है. इसे धारण करके व्यक्ति लोभ ओर मद के भाव से मुक्त होता है. शनि द्वारा शासित होने के कारण शनि के प्रभावों से मुक्ति हेतु इसे धारण कर सकते हैं. चोरी, व्यभिचार और हत्या जैसे जघन्य पापों से मुक्त करता है. व्यक्ति को आध्यात्मिक सुख प्रदान करता है. दुश्मनों को नष्ट करता है , यश सम्मान तथा जीवन में प्रगति लाता है.
इसे पहनने से देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसे धारण करने से धन की कमी दूर होती है. काल सर्प रोग के बुरे प्रभावों से बचाव होता है. शरीर पर किसी भी प्रकार के विष का असर दूर हो जाता है. तथा शनि के कुप्रभाव को समाप्त करता है
औषधिय लाभ | Health Benefits of Saat Mukhi Rudraksha
सात मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से अनेक प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं. यह गठिया दर्द, सर्दी, खांसी, पेट दर्द, हड्डी एवं मांसपेशियों में दर्द, लकवा, मिरगी, बहरापन, मानसिक चिंताओं, अस्थमा जैसे रोगों पर नियंत्रण करता है. इसके अतिरिक्त यौन रोगों ,हृदय की समस्याओं , गले के रोगों में भी फ़ायदेमंद है.
सात मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Saat Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ हूं नमः
सात मुखी रुद्राक्ष को "ॐ श्रीं श्रीयै नम:" मंत्र का जप करते हुए गले या दाएँ बाज़ू में पहन सकते हैं.
समाधान Solution
आप के सभी समस्याओ का समाधान रुद्राक्षके द्वारा किया जाता है।हमारे यहाँ (नेपाली रुद्राक्ष और इंडोनेशिया रुद्राक्ष)1 मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष, गौरीशंकर रुद्राक्ष, गणेश रुद्राक्ष , सिद्ध रुद्राक्ष माला ,जप माला एव स्फटिक श्रीयंत्र ,शिवलिंग इत्यादि असली प्राण प्रतिष्ठा करके दिया जाता है।
संपर्क करे: निखिल देवनाथ
मो.न.09009371152
छह मुखी रुद्राक्ष | Chheh Mukhi Rudraksha
छह मुखी रुद्राक्ष | Chheh Mukhi Rudraksha
छह मुखी (षष्ठ मुखी) रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का स्वरूप है तथा इसके संचालक ग्रह शुक्र है. छह मुखी रुद्राक्ष को पहनने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा व्यक्ति आंतरिक सुषुप्त शक्तियाँ जागृत होती हैं. इसे धारण करने से ब्रह्म हत्या जैसे पापों से मुक्ति प्राप्त होती है. काम, क्रोध , लोभ, अंहकार जैसी भावनाओं पर नियंत्रण रहता है. इस छह मुखी रूद्राक्ष को भगवान गणेश का स्वरूप भी माना गया है. इससे स्मरण शक्ति तथा बुद्धि तीव्र होती है.
छह मुखी रुद्राक्ष लाभ | Benefits of Chheh Mukhi Rudraksha
कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. व्यवसाय और नौकरी में उन्नति प्राप्त होती है. ऋद्धि सिद्धि प्राप्त होती है व्यक्ति के भीतर आत्मशक्ति तथा ज्ञान शक्ति का संचार होता है. शुक्र जनित रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है तथा दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहता.
छह मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Chheh Mukhi Rudraksha
षष्ठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से चर्मरोग, हृदय रोग तथा नेत्ररोग दूर होते हैं. यह हिस्टीरिया और स्त्रियों से संबंधित रोग दूर करने में उत्तम होता है. आंखें, प्रजनन अंगों, प्रोस्टेट, मुंह और गले के रोगों से मुक्ति दिलाता है. छह मुखी रुद्राक्ष रक्तचाप, दिमागी परेशानी आदि बीमारियों में लाभकारी है.
शिव पुत्र कुमार कार्तिकेय के स्वामित्व में छह मुखी रुद्राक्ष विद्या , बुद्धि, ज्ञान को प्रदान करता है. यह रुद्राक्ष मानसिक रोग, कैंसर और किसी भी अंग की शिथिलता को दूर करने तथा वाक पटुता को बढा़ने एवं हकलाना जैसी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है.
छह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र | Chheh Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ ह्रीम हूम नमः
इसे धागे में पिरोकर "ॐ नम: शिवाय कार्तिकेय नम:" मंत्र का जप करते हुए गले में धारण करें या भुजा में बांधें.
पंच मुखी रुद्राक्ष | Panch Mukhi Rudraksha
पंच मुखी रुद्राक्ष | Panch Mukhi Rudraksha
पांच मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव प्रतिनिधि है इसे कालाग्नि के नाम से जाना जाता है. यह रुद्राक्ष शिव द्वारा नियंत्रित तथा बृहस्पति द्वारा संचालित है. पंचमुखी रुद्राक्ष मानसिक तनाव, शत्रुनाश तथा साँप-बिच्छू जैसे जहरीले जानवरों के भय से मुक्ति दिलाता है. पांच मुखी रुद्राक्ष समस्त पापों का शमन करने वाला तथा पूर्णतया फलदायी होता है.
पांच मुखी रुद्राक्ष से लाभ | Benefits of Panch Mukhi Rudraksha
यह रुद्राक्ष पंच ब्रह्मा का तथा पंच तत्वों का प्रतीक है. पञ्च मुखी धारण करने से दुर्घटना में मृत्यु से बचाव होता है. यह बृहस्पति के बुरे प्रभावों को इनके द्वारा उत्पन्न कष्टों को दूर करने के लिए उपयोगी है .पंचमुखी रूद्राक्ष का उपयोग करने से मन शांत रहता है, चित की चंचलता कम होती है. रक्तचाप नियंत्रण , मानसिक तनावों से मुक्ति प्राप्त होती है.
पांच मुखी रुद्राक्ष से स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Panch Mukhi Rudraksha
रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाता है. यह कान, जांघों, और गुर्दे के रोगों को दूर करता है, पेट के विकारों को दूर करने में सहायक होता है. अस्थि मज्जा, जिगर, गुर्दे, पैरों और मधुमेह के रोग को भी दूर करने के गुण हैं इस पांच मुखी रुद्राक्ष में. मानसिक शांति के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है
पाँच मुखी रुद्राक्ष का मंत्र | Panch Mukhi Rudraksha Mantra
‘ॐ ह्रीम नमः’
पंच मुखी रुद्राक्ष को "ॐ नम: शिवाय:" मंत्र का जप करते हुए धारण करने चाहिए.
27 December 2015
चार मुखी रुद्राक्ष | Char Mukhi Rudraksha
चार मुखी रुद्राक्ष | Char Mukhi Rudraksha
चार मुखी रूद्राक्ष को ब्रह्मा तथा देवी सरस्वती का प्रतिनिधि माना गया है. बुध इनके संचालक है इस कारण यह चार मुखी रूदाक्ष शिक्षा के क्षेत्र में खूब सफलता देता है.चार मुखी रुद्राक्ष बुध के हानिकारक प्रभाव को समाप्त करने और देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए है उत्तम है. इसे धारण करने से व्यक्ति विद्या का ज्ञान अर्जित करने की योग्यता प्राप्त करता है.
जिनकी स्मरण क्षति कमजोर हो उन्हें इस चतुर्मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से चमत्कारी लाभ प्राप्त होता है. यह रुद्राक्ष छात्रों और विद्वानों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. यदि कोई मंद बुद्धि हो तो उसे इस चार मुखी रुद्राक्ष को धारण कराएं इसे धारण करके व्यक्ति की बुद्धि भी तीव्र होती है तथा योग्यता का संचार होता है. बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति तथा सभी प्रकार के मानसिक रोग दूर होते हैं. शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहता है यह रुद्राक्ष सृजनशील व्यक्ति के लिए बहुत उपयोगी है.
चतुर्मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Char Mukhi Rudraksha
चार मुखी रुद्राक्ष का उपयोग करने से दिमागी कमज़ोरी दूर होती है. सात्विक विचारों तथा धर्म के प्रति आस्था को बढ़ाता है. स्नायु तथा मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है चार मुखी रुद्राक्ष बच्चों का दिमाग तेज करता है. यह छात्रों के लिए बहुत लाभदायक है, स्मरण शक्ति को बढ़ाता है तथा विद्या अध्ययन करने की शक्ति प्रदान करता है. मानसिक रोगी के लिए भी उत्तम है.
चार मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Char Mukhi Rudraksha
यह बौद्धिक सुस्ती, संचार में कठिनाई और भी मन की विक्षिप्त विचारों को दूर करने में सहायक है. यह रुद्राक्ष स्वस्थ मन और शरीर को प्रदान करता है. बुद्धि, एकाग्रता, और ज्ञान को बढ़ाने में मददगार है. मनोरोग, मस्तिक विकार, लकवा, त्वचा रोग, नासिका रोग, दमा रोगों को दूर करने में सहायक है.
चार मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Char Mukhi Rudraksha Mantra
‘ॐ ह्रीम नमः’
चार मुखी रूद्राक्ष को "ॐ ब्रह्म देवाय नम:" मंत्र से अभिमंत्रित कर धारण करें.
तीन मुखी रुद्राक्ष | Teen Mukhi Rudraksha
तीन मुखी रुद्राक्ष | Teen Mukhi Rudraksha
तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि देव का स्वरूप माना गया है. इस त्रिमुखी मुखी रुद्राक्ष के सत्तारूढ़ ग्रह मंगल हैं. यह रूद्राक्ष स्त्री हत्या जैसे पापों से मुक्ति दिलाता है. इस रूद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति हीन भावनाओं से मुक्त होता है. इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है. यह तीन मुखी रुद्राक्ष चिंताओं मानसिक परेशानियों को समाप्त करने में सहायक होता है.
तीन मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा, विष्णु और महादेव का रूप भी माना गया है
त्रिमुखी रुद्राक्ष का संबंध इच्छा, ज्ञान, क्रिया तथा पृथ्वी, आकाश और पाताल से है. यह रुद्राक्ष शक्ति एवं प्रसन्नता प्रदान करने वाला होता है. तीन मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन और ज्ञान को उत्तम करता है. इस रुद्राक्ष को पहनने से सभी रोगों से मुक्त हो जाता है तथा प्रतिद्वंदियों पर विजय प्राप्त करता है.
त्रिमुखी मुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Teen Mukhi Rudraksha
इसे पहने से रक्त में शुद्धता बनी रहती है, व्यक्ति स्वस्थ और सक्रिय रहता है. इसे धारण करने से आत्मविश्वास और ऊर्जा शक्ति में वृद्धि होती है. यह खेल में सफलता प्रदान करता है. जैसे अग्नि प्रत्येक वस्तु को शुद्ध कर देती है उसी प्रकार तीन मुखी पहनने वाला व्यक्ति भी अपने पापों का शमन कर देता है. पापों से मुक्त हो शुद्ध होकर सात्विक जीवन जीता है.
त्रिमुखी मुखी रुद्राक्ष से स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Teen Mukhi Rudraksha
तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से अनेक रोगों में लाभ मिलता है और सब पापों को शुद्ध करने में मदद करता है.
त्रिमुखी रुद्राक्ष पीलिया जैसे रोग तथा रक्त दोष, प्लेग, चेचक, पाचन समस्याओं में लाभदायक होता है
तीन मुखी रुद्राक्ष का मंत्र | Teen Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ क्लीं नमः , ॐ नमः शिवाय
मंगलवार को "ॐ नमो नारायणाय नम:" मंत्र का जप करके धारण करें.
दो मुखी रूद्राक्ष | Do Mukhi Rudraksha
दो मुखी रूद्राक्ष | Do Mukhi Rudraksha
दो मुखी रूद्राक्ष अर्धनारीश्वर अर्थात शिव और शक्ति का स्वरूप है. दो मुखी रूद्राक्ष चंद्र देव का प्रतिनिधित्व करता है, चंद्र की शांति एवं उससे संबंधी पीडा़ एवं रोग से मुक्त करने में सहायक होता है. दोमुखी रूद्राक्ष को धारण करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा दांपत्य जीवन में सुख, शांति प्राप्त आती है. इसे धारण करने वाले को वैभव की प्राप्ति होती है गोवध जैसे पाप से मुक्ति मिलती है.
द्विमुखी रूद्राक्ष के लाभ | Benefits of Do Mukhi Rudraksha
द्विमुखी रुद्राक्ष धन-धान्य और सत्संगति से युक्त होकर शांत व पवित्र गृहस्थ जीवन का आशीर्वाद प्रदान करता है. वैवाहिक जीवन में होने वाले क्लेशों एवं मनमुटाव के निवारण हेतु यह दोमुखी रुद्राक्ष अत्यंत उत्तम माना गया है. इसको धारण करने से चंद्रमा की अनुकूलता से मानसिक शांति मिलती है यह विशेष रूप से गुरु-शिष्य, पिता-पुत्र व मित्रों के संबंधों में मतभेदों को दूर करता है.
दो मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Do Mukhi Rudraksha
शिव तथा पार्वती का रूप द्विमुखी रुद्राक्ष धारण करने से वात संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है. मोटापा, नेत्र दोष, हृदय, फेफड़े इत्यादि रोगों को दूर करने में सक्षम है.
दो मुखी रुद्राक्ष मंत्र | Do Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ नमः शिवाय दो मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन ‘ॐ अर्धनारीश्वर देवाय नम:’ मंत्र का जप करते हुए धारण किया जाता है.
एकमुखी रूद्राक्ष | Ek Mukhi Rudraksha
