छह मुखी रुद्राक्ष | Chheh Mukhi Rudraksha
छह मुखी (षष्ठ मुखी) रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का स्वरूप है तथा इसके संचालक ग्रह शुक्र है. छह मुखी रुद्राक्ष को पहनने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा व्यक्ति आंतरिक सुषुप्त शक्तियाँ जागृत होती हैं. इसे धारण करने से ब्रह्म हत्या जैसे पापों से मुक्ति प्राप्त होती है. काम, क्रोध , लोभ, अंहकार जैसी भावनाओं पर नियंत्रण रहता है. इस छह मुखी रूद्राक्ष को भगवान गणेश का स्वरूप भी माना गया है. इससे स्मरण शक्ति तथा बुद्धि तीव्र होती है.
छह मुखी रुद्राक्ष लाभ | Benefits of Chheh Mukhi Rudraksha
कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. व्यवसाय और नौकरी में उन्नति प्राप्त होती है. ऋद्धि सिद्धि प्राप्त होती है व्यक्ति के भीतर आत्मशक्ति तथा ज्ञान शक्ति का संचार होता है. शुक्र जनित रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है तथा दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहता.
छह मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Chheh Mukhi Rudraksha
षष्ठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से चर्मरोग, हृदय रोग तथा नेत्ररोग दूर होते हैं. यह हिस्टीरिया और स्त्रियों से संबंधित रोग दूर करने में उत्तम होता है. आंखें, प्रजनन अंगों, प्रोस्टेट, मुंह और गले के रोगों से मुक्ति दिलाता है. छह मुखी रुद्राक्ष रक्तचाप, दिमागी परेशानी आदि बीमारियों में लाभकारी है.
शिव पुत्र कुमार कार्तिकेय के स्वामित्व में छह मुखी रुद्राक्ष विद्या , बुद्धि, ज्ञान को प्रदान करता है. यह रुद्राक्ष मानसिक रोग, कैंसर और किसी भी अंग की शिथिलता को दूर करने तथा वाक पटुता को बढा़ने एवं हकलाना जैसी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है.
छह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र | Chheh Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ ह्रीम हूम नमः
इसे धागे में पिरोकर "ॐ नम: शिवाय कार्तिकेय नम:" मंत्र का जप करते हुए गले में धारण करें या भुजा में बांधें.
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